इस प्रेम की पूजा को थोड़ा समझो... इस प्रेम की पूजा को थोड़ा समझो...
बहुत जी लिया मैं ,इश्क़ मोहब्बत दर्द में ,लिखते लिखते थक गया , बहुत जी लिया मैं ,इश्क़ मोहब्बत दर्द में ,लिखते लिखते थक गया ,
रेशम के धागे में हमको अनमोल हैं लगते हीरे-जवाहरात भी इनके सामने फीके लगते। रेशम के धागे में हमको अनमोल हैं लगते हीरे-जवाहरात भी इनके सामने फीके लगते।
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बड़ों बड़ों का रक्षक कलियुग यहां लूट पाट सब चलता है। बड़ों बड़ों का रक्षक कलियुग यहां लूट पाट सब चलता है।
तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं। तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं।